प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है और राजस्थान के लगभग आधे से भी ज्यादा बांध लबालब हो चुके है और छलक भी चुके है जिससे प्रदेश मे खुशी की लहर है और रही बात बाकी बांधो की तो वो भी जल्द ही भर जायेंगे,अब बात की जाए जसवंत सागर बांध की तो ये भी जल्द ही प्रदेश को खुशखबरी देने वाला है |

जसवंत सागर बांध छलकने को आतुर
राजस्थान में एक बार फिर मानसून की झमाझम बारिश का दौर शुरू है। जिस कारण एक तरफ़ तो फसलों के खराब होने से किसान दुखी है तो दूसरी तरफ बारिश से बांध भर जाने की खुशी भी है वही बात की जाए जोधपुर जिले के सबसे बड़े बांधो मे से एक जसवंत सागर बांध की तो यह बांध बहुत जल्द ही छलक सकता है बात की जाए इसकी भराव क्षमता की तो यह बांध 26.5 फुट भरने पर ओवर फ्लो होता है और इस बार अच्छी बारिश के कारण 24.5 भर चुका है जल्द ही इसे ओवरफ्लो होने की खबर मिल सकती है आपको बता दे कि इस बांध मे पानी की जो आवक है वो अरावली पहाड़ एवं सहायक नाग पहाड़ से चल रहे पानी से आनासागर के ओवरफ्लो होने, फायसागर सागर पर निरंतर चल रही चादर के साथ-साथ गोविंदगढ़, आलनियावास, गिरी नंदा बांध का पानी जसवंत सागर तक पहुंच रहा है। जिसके चलते ये बहुत जल्द ही ओवरफ्लो हो जायेगा
सहायक गिरी नंदा बांध भी हुआ ओवरफ्लो
प्रदेश मे अबकी बार अच्छे मानसून के चलते लगभग 25 वर्षो के लम्भे अंतराल के बाद गिरी नंद बांध ओवरफ्लो ho चुका है जिस कारण आस पास के गाँवों मे खुशी की लहर छाई हुई है और इस बांध का पानी भी जसवंत सागर मे आके ही मिलता है
जसवंत सागर बांध का इतिहास
जोधपुर जिले की बिलाड़ा तहसील के पिचियाक गांव में स्थित इस बांध का निर्माण महाराजा जसवंत सिंह ने 1892 में करवाया था इस बांध का निर्माण आस पास के गांवों को सिंचाई व्यवस्था के उद्देश्य से किया गया था। यह बांध सिंचाई के रूप में आस पास के गांवों के लिए वरदान साबित हुआ है और स्थानीय किसान इस बांध के पानी से सब्जियां उगाते हैं।
कुल क्षमता 2,898,000,000 cubic metres (102.36 tmc ft)